SUMIT SHEORAN

7 SEO Trends जो 2021 में देखने को मिलेंगे

by | Dec 24, 2020 | Blogs

प्रति वर्ष गूगल हज़ारो बार अपनी अल्गोरिथ्म्स में बदलाव करता है। लेकिन इनमे ने अधिकतर Updates बहुत छोटे होते है या कह सकते है की हमारी रैंकिंग को बहुत कम प्रभावित करते है। लेकिन कुछ एक बहुत बड़े Updates होते है, जो की हमारी रैंकिंग को बहुत अधिक प्रभावित करते है। तो ऐसे में Rule of Searches में समय-समय पर बदलाव होता रहता है, जिससे के सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन एक चलता हुआ निशाना प्रतीत होता है।

यदि आप ने गूगल के द्वारा दिए जा चुके पुराने उपडेटस को देखेंगे तो पाएंगे की वे पूर्वानुमानित पैटर्न(Fairly Predictable Pattern) का पालन करते है। अब लगातार गूगल का प्रयाश प्रासंगिक सामग्री को को खोजने का है। तो इस बात से हम समझ सकते है की अब गूगल पर ब्लैक हैट और ग्रे हैट रणनीतियों के साथ खेलना बहुत अधिक मुश्किल होता जा रहा है। यह वास्तव में हमारे लिए फायदेमंद भी होने वाला है क्योकि हमे सबसे उत्तम क्वालिटी का कंटेंट मिलेगा।

ह बात लगातार लोगो को हैरान कर देती है की क्या वास्तव में SEO काम करता है या अच्छा कंटेंट मायने रखता है। पिछले कुछ वर्षो में मैंने ऐसे बहुत से आर्टिकल देखे है जो दावा करते है की SEO बिलकुल मर चुका है या SEO के कोई मायने नहीं है।
मेरी यह बात आपको बहुत अजीब लगी होगी, शायद।
यह चीज बिलकुल पूरी तरह से तो सही नहीं है, लेकिन आपको बहुत अधिक ब्लॉग या आर्टिकल्स में देखने को मिलेंगी। तो इससे हम क्या समझे?
तो देखीये SEO का मतलब समय-समय पर बदलता रहता है, मैं SEO की परिभाषा की बात नहीं कर रहा हूँ। मैं यहां SEO के बदलते नियमो की बात कर रहा हूँ।

क्योकि गूगल अपने नियमो के साथ खेलता रहता है। जो उसे अधिक पसंद आता है वह उसे जारी रखता है, और बाकी बाहर कर देता है। लेकिन बहुत बार ऐसा भी होता है की बाहर किये हुए नियमो को फिर आजमाने की कोशिश करता है।
लेकिन मैं अब इस बात को ज्यादा लम्बी नहीं करने वाला हूँ। और उन चीजों के बार में बताता हूँ जो आपको आगे देखने को मिल सकती है।

मैं इस आर्टिकल में उन सभी नियमो के बारे में चर्चा करने वाला हूँ जो पिछले कुछ वर्षो में बहुत अधिक उभरते हुए नजर आए है।


  1. नए user-experience matrics Ranking को प्रभावित करेंगे।
  2. Mobile-First Indexing हर website के लिए जरुरी होगा।
  3. Artificial intelligence सभी searchs में सर्वोत्तम होगी।
  4. EAT factors बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा।
  5. Local SEO तेजी से विकसित होगा।
  6. Structured data अपरिहार्य (unavoidable) होगा।
  7. Google अपने लक्ष्य(Intent satisfy) के लिए अधिक से अधिक छानबीन करेगा।


1. नए user-experience matrics Ranking को प्रभावित करेंगे -

May 2020 में Google ने concept of core web vitals से अवगत करवाया था। जिसमे गूगल के user-experience को मापने के लिए तीन नई Metrics जोड़ी गई थी। ये तीनो Metrics कम या ज्यादा जो की पेज स्पीड Page-speed के बारे थी। इससे यह देखा जाता है की कितने समय में यह लोड हो जाता है। और कितने समय में Interactive हो जाता है। और लोड होने पर कितना स्थिर(Stable) होता है।

कुछ समय पहले ही गूगल ने स्वयं इस बात की पुष्टि की है की 2021 में कोर वेब वाइटल(core web vitals) एक आधिकारिक Ranking factor होगा। ऐसी स्थिति में इन मैट्रिक्स को मजबूत रैंकिंग सिग्नल के बजाय के tie-breaker रूप में किया जायगा। उदारण के लिए, यदि दो पेज equally relevant content, of similar quality and authority के है तो ऐसे में user-experience metrics पर निर्भर करेगा की किसे उच्च रैंकिंग दी जाए।

गूगल की ये Core web vitals एक qualifier के रूप में काम करेगा जो गूगल की टॉप स्टोरीज(top-stories) के रूप में रैंक करना चाहते है। पहले क्या होता था की अगर कोई पेज AMP के लिए अच्छा है तो वह टॉप में रैंक करता था, क्योकि वे बहुत फ़ास्ट होते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब Google core web vitals को प्रयोग करके speed measure कर सकता है। और सभी पृष्ठों के लिए उच्च अनुकूलन स्कोर(high optimization score) को बढ़ाया जायगा।

अंतत: हम समझ सकते है की गूगल अच्छे user experience वाले Pages को किन्ही खास संकेतो के माध्यम से चिन्हित करेगा, जिस प्रकार से अच्छे AMP Pages को lightning bolt के चिन्ह द्वारा अंकित किया जाता है। यदि इसे लागु किया जाता है तो हम बहुत तेज लोड(fast loading) होने वाले पृष्ठों को देख पाएंगे।

Optimize कैसे करे?

गूगल के द्वारा दिए जाने वाले किसी भी टूल का उपयोग करके आप core web vitals को माप(measure) सकते है। ये टूल्स है जैसे - पेजस्पीड इनसाइट्स , क्रोम यूएक्स रिपोर्ट , सर्च कंसोल , क्रोम देवटूल(Chrome DevTools) , लाइटहाउस , और वेब विटल्स क्रोम एक्सटेंशन । इनमें से बहुत से टूल आपके स्कोर को बढ़ने के लिए सलाह भी देंगे जिन्हे फॉलो करके आप अपने स्कोर को बढ़ा सकते है।


2. Mobile-First Indexing हर website के लिए जरुरी होगा।

2016 से गूगल ने फिर से मोबाइल-फर्स्ट इंडेक्सिंग(Mobile-first Indexing) के अनुसार रैंक करना शुरू कर दिया। यानि की गूगल ने उन वेबसाइट को अधिक महत्व देना शुरू कर दिया जो मोबाइल फ्रेंडली(mobile friendly) थी बजाय डेस्कटॉप के।

अब तक यह बहुत अधिक समय लेने वाला कार्य(slow-process) था। गूगल प्रत्येक वेबसाइट को पहले यह चेक करता था की क्या यह वेबसाइट मोबाइल फ्रेंडली(mobile-friendly) है या नहीं, यदि वह वेबसाइट मोबाइल फर्स्ट इंडेक्सिंग(Mobile First Indexing) के लिए पूरी तरह से तैयार है, तभी उसे स्विच किया जाता था।

4 साल बाद, अब गूगल पूरी तरह से तैयार है मोबाइल फर्स्ट इंडेक्सिंग के लिए। लेकिन अभी भी बहुत सारी पुरानी वेबसाइटस ऐसी है जो की मोबाइल के लिए ऑप्टीमाइज़्ड नहीं है। फिर भी गूगल ने इसे मानने से इंकार कर दिया है और उनके लिए कुछ समय की हिदायत और देते हुए मार्च तक का समय दिया है जिससे की उन सभी वेबसाइट को मोबाइल फर्स्ट इंडेक्सिंग के लिए ऑप्टिमाइज़ किया जा सके। अब गूगल transition march 2021 के लिए निर्धारित है।

Optimize कैसे करे?

यदि आपकी वेबसाइट भी उन वेब्सीटेस में से एक है जो अभी तक मोबाइल के लिए ऑप्टीमाइज़्ड नहीं है तो यह चिंता का बहुत बड़ा विषय नहीं है, लेकिन अगर आप अभी कुछ नहीं करते है तो आने वाले समय में जरूर हो सकता है। अगर आप वेबसाइट मोबाइल फ्रेंडली बनाना चाहते है तो इसके लिए गूगल ने एक विस्तृत चेकलिस्ट भी जारी की है जिससे की आपका काम आसान हो जाता है।


3. Artificial intelligence सभी searchs में सर्वोत्तम होगी -

Artificial Intelligence की शुरुआत 2015 में Rankbrain के साथ हुई थी और अंत 2019 में BERT के आने पर, गूगल ने एआई(Artificial Intelligence) का उपयोग करके Queries And Search Results के मामले में बहुत आगे पहुंच चूका है। BERT को लॉच हुए जब एक साल हुआ था तब केवल 10% search results में प्रयोग किया जा रहा था लेकिन अंग्रेजी भाषा के लगभग सभी प्रश्नो के लिए उपयोग किया है।

आप ने आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का नाम तो जरूर सुना होगा, लेकिन सायद किस्से बहुत कम सुने होंगे।
BERT यह एक ऐसा नाम है जो गूगल के लिए किसी भी क्वेरी के स्टिक इरादे(exact Intentof Query) को पहचान पाने में पूरी तरह से सफल साबित हुआ है। यह शाब्दिक अस्पष्टता(lexical ambiguity) को हल कर सकता है। यह समानार्थक शब्दो को ढूँढ सकता है। नए शब्दो को सिख सकता है। गलत शब्दो को सही कर सकता है।

Optimize कैसे करें?

आज गूगल जैसे सर्च इंजन के लिए किसी भी भाषा को समझना बहुत आसान हो गया है। या फिर कहे की गूगल को हर भाषा की गहरी जानकारी है। तो ऐसे में हम क्या कर सकते है?
इसके लिए हम किसी भी सर्च इंजन के लिए लिखने का विचार छोड़कर अपने यूज़र्स के लिए कंटेंट लिखना होगा। क्योकि नियम सर्च इंजन के समझने के लिए नहीं
, यूज़र्स के समझने के लिए है। तो अगर आपके यूज़र्स के लिए वह कंटेंट अच्छा होगा तो सर्च इंजन के लिए अपने आप अच्छा कहलाएगा। किसी भी शब्दो को कही भी फसाने की कोशिश न करके उनके अर्थ पर ध्यान दिया जाना चाहिए, ताकि बात साफ़-साफ़ शब्दो में स्पस्ट समझी जा सके।


EAT Factors may play a bigger role -

EAT से अभिप्राय Expertise, authority, and trustworthiness से है।

जब से यह आया है तब से का यह एक विवादित मुद्दा है। क्योकि इसके बारे में बहुत से लोगो का कहना है, की यह एक रैंकिंग फैक्टर नहीं है, इसके विपरीत बहुत से लोगो का मानना है की गूगल के पास ऐसी कोई अल्गोरिथ्म्स नहीं है जो इसे माप सके।

इसके बारे में मेरे लिए भी कुछ कह पाना बहुत मुश्किल है। क्योकि बहुत बार देखा गया है, गूगल स्वयं EAT से सम्बंधित प्रश्नो के जवाब नहीं देता है। क्योकि इसे अगर हम एक तर्क से समझने की कोशिश करे तो यह भी है की गूगल किसी लेखक के द्वारा लिखित के आर्टिकल के बारे में तो जान सकता है, लेकिन वह यह नहीं जान सकता है की क्या ससीएनटीस तरिके से यह जानकरी सही है या नहीं। इसके अलावा क्या आर्टिकल लिखने वाला इस विषय का महान ज्ञाता है या नहीं।
लेकिन फिर भी हम यह नहीं कह सकते है की गूगल EAT फैक्टर को एक रैंकिंग फैक्टर नहीं मानता। क्योकि इसके अलावा भी गूगल के पास बहुत से जरिये है जिनके द्वारा गूगल यह कर सकता है। जैसे की यदि आर्टिकल में सभी सही संस्थाओ को उल्लेख है तो संभवत यह सही सही है। इसके अलावा यदि वेब पृष्ठ पर लेखक का नाम अच्छे तरिके से स्थापित है तो यह सही हो सकता है

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