SEO (search engine optimization)
Defination:- SEO (search engine optimization), यह किसी भी सर्च इंजन में उच्च रैंकिंग प्राप्त करने की एक ऐसी कला है जिससे हम अपने कीवर्ड को बिना किसी paid section का सहारा लिए सबसे ऊपर रैंक कर सकते है। जिसे हम आमतोर पर organic listing के नाम से जानते है।
SEO बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन क्यों?
इसे समझने का सबसे आसान-सा तरीका यह है की जरा विचार कीजिये की हर रोज Google पर कितने ब्लॉग प्रकाशित किये जाते है?
क्या आप बता सकते है,
चलिए मैं बताता हु, अकेले वर्डप्रेस पर हर रोज लगभग 2 million यानि 20 लाख ब्लॉग।
यह मैंने केवल एक वर्डप्रेस की चर्चा की है, यदि आप अन्य सभी कंस प्लैटफॉर्म्स की चर्चा करते है तो यह संख्या और भी ज्यादा हो जाती है।
तो ऐसे में किसी एक कीवर्ड के लिए हर रोज बहुत सारे ब्लॉग प्रकाशित किया जाता है। जिससे की सर्च इंजन के लिए यह पहचान पाना की कौन सा ब्लॉग बेहतर जानकारी प्रदान कर रहा है थोड़ा मुश्किल हो जाता है।
फिर गूगल उस ब्लॉग के SEO के आधार पर ही यह निर्धारित करता है की सबसे ऊपर कौन सा कीवर्ड रैंक करना चाहिए ।
कोई भी ब्लॉगर एक आर्टिकल पर घंटो मेहनत करता है, ताकि वह अपने ब्लॉग के माध्यम से बेहतर जानकारी प्रदान कर सके और सर्च इंजन में सबसे ऊपर रैंक कर सके।
लेकिन केवल यह काफी नहीं है की उसके द्वारा लिखा आर्टिकल बहुत ज्यादा अच्छा है, तो सबसे ऊपर रैंक करेगा।
इसके लिए उस आर्टिकल का सो भी बहुत ज्यादा अच्छा होना चाहिए।
SEO केवल एक आर्टिकल को केवल ऊपर रैंक करने में ही सहयता नहीं करता है बल्कि सो के द्वारा आप एक ही आर्टिकल या ब्लॉग से कई गुना ज्यादा ट्रैफिक ला सकते है।
वो कैसे? देखिये की जब भी आप कोई Quary सर्च करते है तो आपके सामने कई रिजल्ट आते है।
लेकिन अगर आप उससे सम्बंधित कोई अन्य Quary सर्च करते है तो देखते है की वह भी पहले वाले कुछ रिजल्ट ही देखने को मिलते है। तो ऐसा क्यों?
यह केवल SEO के द्वारा ही संभव है। आप अधिक से अधिक अच्छा SEO करके अपने किसी भी कीवर्ड को उससे सम्बंधित बहुत सारे कीवर्ड पर रैंक करवा सकते है। और अपने ट्रैफिक को कई गुना बढ़ा सकते है।
अब यहां SEO से क्या अभिप्राय है?
SEO से अभिप्राय है की यह सर्च इंजन की अल्गोरिथ्म्स को कितना फॉलो करता है और आर्टिकल की लिंकिंग, हैडिंग, पैराग्राफ साइज, images कितनी अच्छी है।
इस प्रकार और भी बहुत सारी चीजे होती है जो SEO में की जाती है। जो की हमारे ब्लॉग को अच्छा बनाती है। यह इस आर्टिकल के द्वारा मैं आपको SEO की हर छोटी से छोटी जानकारी प्रदान करने वाला हु।
अब हम What is SEO in hindi को और भी गहराई से जानने की कोसिस करते है –
SEO कैसे काम करता है?
SEO किसी भी साइट को सर्च इंजन के अनुकूल करता है। सर्च इंजन कोई भी हो सकता है जैसे की Google, Bing, Yahoo, amazon, and YouTube.
मुख्यत आपका कार्य केवल इतना है की आप अपनी साइट को उस सर्च इंजन के अनुकूल बनाये ताकि जब भी कोई यूजर किसी भी प्रकार की कोई सर्च करता है जो आपके किसी कंटेंट से मेल खता है तो वह सर्च इंजन आपके कंटेंट को एक अन्यो से बेहतर परिणाम की नजरि से देखे।
तो फिर सर्च इंजन ये सर्वश्रेष्ठ परिणाम कैसे निर्धारित करते है?
यह सब कुछ उस सर्च इंजन की अल्गोरिथम के आधार पर निर्धारित किया जाता है। जो परिणाम सबसे ज्यादा उन अल्गोरिथ्म्स को फॉलो करता है वही सबसे ऊपर रखा जाता है।
इसमें प्रासंगिकता(Relevancy), साइट लोडिंग स्पीड और भी बहुत सी conditions निर्भर करती है।
लेकिन आज हम इस टुटोरिअल में Google SEO के बारे में चर्चा करने वाले है क्योकि लगभग पुरे संसार में 75% लोग गूगल का ही प्रयोग करते है। और जब भी हम किसी कंटेंट को सर्च इंजन के लिए अनुकूलित करने की चर्चा करते है तो अधिकतर लोग Google SEO के बारे में ही सोचते है।
गूगल ने अपनी सभी अल्गोरिथ्म्स को बहुत अच्छी तरह से सजाया है। जिसमे लगभग 200 से भी अधिक रैंकिंग फैक्टर है, लेकिन ये सभी गूगल ने सार्वजनिक रूप से नहीं बताया है।
अब हमे सीधे Google SEO or What is SEO in Hindi के दो मुख्य पहलुओं को जानने की आवस्य्क्ता है –
White Hat SEO vs. Black Hat SEO
इन दोनों के बारे में जानने से पहले मेरा आपसे एक सवाल है की क्या आप अपनी वेबसाइट को एक लाइफटाइम एअर्निंग बिज़नेस के रूप में देखना चाहते है?
अगर आपका जवाब हां है, तो सम्भवत आप एक वाइट हैट टेक्निक का इस्तेमाल करने वाले है।
मैं स्वयं भी इसका समर्थक हु और आप भी एक वाइट हैट टेक्निक का इस्तेमाल करे। इसके बारे में हम निचे और भी विस्तार से चर्चा करेंगे।
देखिये SEO दो प्रकार का होता है – 1. On Page SEO और 2. Off Page SEO.
लेकिन इसे करने की टेक्निक्स तीन होती है – White Hat, Grey Hat और Black Hat.
Black Hat
यदि कोई पाने ब्लॉग को बहुत जल्दी सर्च इंजन में रैंकिंग में लेन के लिए किसी नॉन यूजर फ्रेंडली स्कीम का इस्तेमाल करते है तो संभवत आप ब्लॉक हैट सो कर रहे है।
इस टेक्निक में आप केवल सर्च इंजन की के लिए अपने कंटेंट को optimize करते है न की user-friendly Technics का इस्तेमाल करते है। इसे search engine बहुत गलत मानता है। इसमें दरशल होता यह है की आप केवल सर्च इंजन की अल्गोरिथ्म्स को fulfill करने के लिए रूल्स को एक गलत तरिके से पूरा करते है। और सर्च इंजन में उच्च रैंकिंग प्राप्त करते है। जो एक सर्च इंजन के अनुसार बिलकुल भी user-friendly content नहीं होता है।
ऐसे में आप black hat Technic का इस्तेमाल कर बहुत जल्द पैसे कमाने का प्रयाश कर रहे होते है, जो की यह टेक्निक्स बिलकुल भी लम्बे समय तक काम करने वाली नहीं है। इनमे समय-समय पर बदलाव होता रहता है।
और यदि ऐसे करते भी है तो इसके लिए आपको सर्च इंजन की गतिविधियों से हर वक़्त अपडेट रहना होगा ताकि अगर सर्च इंजन की अल्गोरिथ्म्स में कोई भी बदलाव आता है तो उसके तुरंत बाद आप अपने ब्लॉग में उन अल्गोरिथ्म्स के अनुसार अपने कंटेंट को अपडेट कर सके।
इसमें सबसे ज्यादा फायदा यह होता है की आप कम समय में बहुत अच्छी एअर्निंग कर सकते है, लेकिन यह टेक्निक एक सामन्य मार्केटर के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकती है। क्योकि इसमें आपको फायदे के बजाय नुकशान होने के chance भी बहुत ज्यादा होते है। यदि आप सर्च इंजन की गतिविधियों से थोड़ा बहुत भी अपडेट नहीं रहते है तो आपकी पूरी वेबसाइट तक बंद हो सकती है, आपको बिना किसी किसी ईमेल या text SMS के।
White Hat
White Hat इसके विपरीत है। यह एक व्यवसाय को स्थायी व्यवसाय बनाने का बहुत अच्छा तरीका है। क्योकि इसमें इस्तेमाल होने वाली टेक्निक्स को गूगल बहुत अच्छा मानता है। इसमें सर्च इंजन की अल्गोरिथ्म्स एवं यूजर फ्रेंडली कंटेंट पर बहुत ज्यादा ध्यान दिया जाता है।
इसके द्वारा आप अपने ब्लॉग को बहुत लम्बे समय के लिए एवं एक अच्छे मार्केटर के रूप में उभर सकते है। इसमें आप सर्च इंजन के नियमो को अपनाकर अपने ब्लॉग को सुलभ बना सकते है।
Grey Hat
जैसा की आप इसके नाम से जान सकते है न बिलकुल सफेद और न ही ज्यादा ब्लैक। यह उन दोनों का एक मध्य स्तर है। यानि की यहां पर आप कंफर्म नहीं कह सकते है की आप एक ब्लैक हैट टेक्निक का इस्तेमाल कर रहे है।
इसको हम एक उदहारण के साथ समझने की कोसिस करते है।
गूगल ने कहा की वह गेस्ट ब्लॉग्गिंग को अच्छा नहीं मानते है। लेकिन आप इसे बिलकुल गलत भी नहीं कह सकते है, क्योकि इससे आप एक सही रणनीति के साथ सर्च इंजन की अल्गोरिथ्म्स को फॉलो करते हुए अपने ब्रांड को ज्यादा पॉपुलर करने के फ़िराक में है, जो की एक मायने में सही भी है।
लेकिन गूगल इसे सही नहीं कहता तो हम इसे ग्रे हैट की प्रणाली में रखते है।
SEO के Rules हमेशा बदलते रहते है ।
इसके अलावा रूल्स जो होते है उनकी SEO द्वारा ही भविष्यवाणी की जा सकती है। या डाटा ट्रेंड के आधार पर भी कर सकते है।
यही कारण है की ग्रे हैट टेक्निक्स को बहुत तरीको से इस्तेमाल कर सकते है।
इसे हम क्लासिक लिंक बिल्डिन्न्ग जैसे की scholarship लिंक बिल्डिंग का उपयोग करना ।
बहुत लोगो का मन्ना है की यह अभी काम नहीं करता, लेकिन बहुत से अभी भी इसके मत में है।
ग्रे हैट भी कभी कभी बुरा हो सकता है लेकिन मैं पूरी तरह से आपसे यह नहीं कहूंगा की ग्रे हैट बहुत बुरा है।
क्योकि यह आपको तय करना है की आप किस तरह से इसका इस्तेमाल कर रहे है। इस विषय पर आपको बहुत लोग चर्चा करते मिलेंगे क्योकि ग्रे हैट हमारे द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली टेक्निक्स पर निर्भर करती है। और हर किसी का इसे इस्तमाल करने का तरीका अलग होता है।
इसमें प्रयोग की जाने वाली टेक्निक्स से हर कोई पूरी तरह से सहमत नहीं होता, यही कारण है की लोग इस पर बहुत काम चर्चा करते है।
इसीलिए यह आपको तय करना है की आप किस हद तक रिस्क या जोखिम उठा सकते है। ताकि अगर आप इसके शिकार हो भी जाय तो आपको वापसी करने में ज्यादा वक़्त न लगे।
ON-PAGE SEO VS 0FF-PAGE SEO
ON-PAGE SEO
On-Page SEO जो On-site SEO के नाम से भी जाना जाता है। यह वेबसाइट के बहुत विभिन्न हिस्सों को ऑप्टिमाइज़ करने के लिए किया जाता है। इससे हमारे आर्टिकल की सर्च इंजन में रैंकिंग को सुधरने का काम करता है। यह पूरी तरह से आपके नियंत्रण में होता है। आप इसे जैसा चाहो वैसे ऑप्टिमाइज़ कर सकते है।
On-page SEO में ऑप्टिमाइज़ किये जाने वाले कुछ मुख्य विषय :-
Title Tag
अपनी वेबसाइट के हर पेज के टाइटल में अपने कीवर्ड में जरूर इस्तेमाल करे। यह एक अच्छा title tag लिखने के लिए एक गाइड भी दी गई है जिसे आप पढ़ सकते है।
- Title Tag में लगभग 55-60 characters का इस्तेमाल करे।
- Title की शुरुआत में अपने कीवर्ड का इस्तेमाल करे।
- Keyword stuffing न करे।
Heading 1
अपने title को जिसे हम h1 कहते है उसे हमेशा बड़े अक्षरों में लिखे। क्योकि इसे सर्च इंजन आपके पेज के अन्य कंटेंट से थोड़ा अधिक महत्वपूर्ण समझता है। इसीलिए इसे थोड़ा अलग दिखने के लिए थोड़ा बड़ा लिखे। एवं अपने मुख्य कीवर्ड को इसमें जरूर इस्तेमाल करे।
आप अपने h1 को केवल एक बार ही प्रयोग करे बाकि आप अन्य हेडिंग्स जैसे h2, h3 का इस्तेमाल कर सकते है।
URL structure
जहा तक संभव हो सके अपने मुख्य कीवर्ड को यूआरएल में जरूर प्रयोग करे। और यदि अब तक आपने ऐसा नहीं किया है तो अपने पुराने यूआरएल को बदलना नहीं है क्योकि इसे कोई भी सर्च इंजन अच्छा नहीं समझता है, और यदि आपको बहुत ज्यादा जरुरत है तो एक बार किसी एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले।
- अपनी directories और folders को इस तरह से लेबल करे की वह यूजर को आसानी से समझ आ जाय।
- यूआरएल में एक से अधिक बार कीवर्ड को न दोहराए।
- यूआरएल को हमेशा छोटा एवं साफ लिखे यानि की इसमें किसी करैक्टर का इस्तेमाल न करे जो पठनीय न हो।
Alt text for images
प्रत्येक content management system आपको किसी भी image का alt text add करने का एक ऑप्शन प्रदान करता है। यह टेक्स्ट आपके ब्लॉग पर publicly show नहीं होता लेकिन SEO के point of view से बहुत महत्वपूर्ण होता है।
Alt text क्यों add किया जाता है?
देखिये, जब भी सर्च इंजन क्रॉलर आपके पेज पर आता है, तो आपके द्वारा ब्लॉग पर add की गई images को वह read नहीं कर सकता, तो उसे हमे यह बताना पड़ता है की यह image किससे सम्बंधित है।
जिसके लिए हम alt text का प्रयोग करते है ताकि वह हमारी image को भी कंटेंट से सम्बन्धित समझे और इससे हमे SEO में मदद मिलती है।
अन्य on-page SEO factors जैसे –
- Site Loading Speed
- Internal Linking
- Page Loading Speed
- Social Tags
इन सभी factors को विस्तार से जानने के लिए आप (what is SEO in hindi) इस लिंक को फॉलो कर सकते है।
Off Page SEO
Off-Page SEO में डोमेन authority को increase करने के लिए अन्य वेबसाइट के साथ link-building करने पर बल दिया जाता है। जितनी अधिक वेबसाइट आपके कंटेंट को लिंक करेगी उतना ही अधिक गूगल आपकी वेबसाइट को अच्छा मानता है। और कही न कही आपको रैंकिंग में भी इसका फायदा देखने को मिलता है।
Off-Page SEO का सबसे बड़ा फैक्टर यह की आपकी वेबसाइट पर कितने और कितनी अच्छी क्वालिटी के बैकलिंक्स है। यहां आसानी से अच्छी क्वालिटी के बैकलिंक बनाने के कुछ एक फैक्टर है जो इस कार्य में बहुत मददगार साबित होते है –
- बहुत ही उत्तम क्वालिटी का कंटेंट अपने ब्लॉग में प्रकाशित करे ताकि लोग स्वयं आपको लिंक प्रदान करे।
- अपने ब्लोग् को सोशल मीडिया पर प्रकशित करे, ताकि अधिक से अधिक लिंक generate हो।
- अपनी niche से सम्ब्नधित वेबसाइट पर गेस्ट ब्लॉग्गिंग करे और वहा से अपनी वेबसाइट को लिंक प्रदान करे।
Off-Page SEO के बारे और अधिक जानने के लिए (What is seo in hindi) पर विजिट कर सकते है।
Conclusion :-
किसी भी वेबसाइट को एक गर्त से निकालकर टॉप रैंकिंग में ला सकता है यदि आप सर्च इंजन की सभी अल्गोरिथ्म्स और रूल्स को फोल्लो करते है तो।
यह किसी भी वेबसाइट के लिए उतना ही आवश्य्क है जितना एक बेहतरीन कंटेंट का होना आवश्य्क है। क्योकि यदि आप केवल एक अच्छा कंटेंट प्रकाशित करते रहे और SEO पर बिलकुल भी ध्यान नहीं देते है तो स्वाभाविक रूप से आपका रैंक कर पाना बहुत मुश्किल होगा।
इसीलिए आपको कंटेंट के साथ-साथ SEO पर भी बल देना होगा। इसके लिए आप सोशल मीडिया का बहुत अच्छा फायदा उठा सकते है, और भी बहुत तरिके है जिससे आप अपने SEO में मदद ले सकते है।
उम्मीद करता हु दोस्तों (what is seo in hindi) की यह गाइड आपको बहुत अच्छी लगी होगी, और यदि आपको सो से जुड़े और भी किसी टॉपिक पर कोई गाइड चाहिए तो मीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करे, बहुत जल्द आपकी डिमांड पर गुर किया जाएगा।